मत टूटने दे तेरे विश्वास को, मत बुझने दे उम्मीद की आस को, मत टूटने दे तेरे विश्वास को, मत बुझने दे उम्मीद की आस को,
लम्हों को शरारतों से सजाकर स्मृति की संदूक में भर ले कल झंझावतों से लड़ना है। लम्हों को शरारतों से सजाकर स्मृति की संदूक में भर ले कल झंझावतों से ...
राष्ट्रभाषा हिन्दी पर कविता राष्ट्रभाषा हिन्दी पर कविता
मैं रहती हूँ जिस देश में , है उसका नाम भारत , मैं रहती हूँ जिस देश में , है उसका नाम भारत ,
फिक्र न करो जो चले गए उन्हें जाने दो, जो आतें हैं उन्हें आने दो, ये प्यार - मोहब्ब फिक्र न करो जो चले गए उन्हें जाने दो, जो आतें हैं उन्हें आने दो, ये प...
उठा फावङ़ा, नाप धरा को खुद को कर तैयार। उठा फावङ़ा, नाप धरा को खुद को कर तैयार।